सुन्दर सुर सजाने को साज बनाता हूँ
नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ.
चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी,
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ.
समंदर तो परखता है हौसले कश्तियो के,
और मैं डूबती कश्तियो को जहाज बनाता हूँ.
बनाए चाहे चांद पर कोई बुर्ज ए खलीफा,
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ...
नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ.
चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी,
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ.
समंदर तो परखता है हौसले कश्तियो के,
और मैं डूबती कश्तियो को जहाज बनाता हूँ.
बनाए चाहे चांद पर कोई बुर्ज ए खलीफा,
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ...
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