उस ठंडी ओस की महक ये हवाएं ले आएं शायद,
वह गुनगुनाती धुप की गर्माहट पहुंच जाए शायद,
उस कठोर पर्वत के पार कहीं घोंसला है मेरा,
शाम के ये बयार मेरा संदेशा ले जाये शायद.
वह गुनगुनाती धुप की गर्माहट पहुंच जाए शायद,
उस कठोर पर्वत के पार कहीं घोंसला है मेरा,
शाम के ये बयार मेरा संदेशा ले जाये शायद.