Monday, October 1, 2007

दुआ तो करते है हम सुबह शाम,
ना कोई आंसू हो ना हो कोई तकलीफ
हो तो बस सदा खुशियों का बसेरा,
सुबह हो हर रोज़ एक नयी,
जीवन में कभी कोई शाम ना हो...

No comments: