Monday, February 15, 2016

एक सुकून की तालाश में,
ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली हैं,

और लोग कहते हैं,
हम बड़े हो गए और जिंदगी संभाल ली हैं,

बचपन में सबसे अधिक पुछा गया एक सवाल,
- बड़े होकर क्या बनना है.....?

अब जाकर जवाब मिला,
- फिर से बच्चा बनना है....

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