Monday, February 15, 2016

जिंदगी: एक किताब

मेरी जिंदगी एक किताब है,
कभी येह एक दु:स्वपन हैं,
कभी एक हंसी सा ख़्वाब है।

पन्नो दर पन्नी जिंदगी,
पन्ने दर पन्ने परतें हैं,
कुछ उन्नति के हैं शिखर,
कुछ असफलताओं के गर्रते हैं,
कभी करती येह कुछ प्रश्न हैं,
कभी प्रश्नों का ये जवाब हैं,
मेरी जिंदगी एक किताब है.

कुछ स्वर्णिम से अध्याय हैं,
कछ जंग - लोह समाये हैं,
कभी ओस की नमी सी हैं,
कभी आसुओं का तालाब है,
मेरी जिंदगी एक किताब है. 

रेत में उकेरे हुए कुछ शब्द हैं,
कुछ धुँधली सी तस्वीरें हैं,
कभी सितारे मुहं फेरे हुए हैं,
कभी सौभाग्य के लकीरें हैं,
कभी मय से मेरा रिश्ता नहीं,
कभी जश्न है शराब का,
मेरी जिंदगी एक किताब है. 

कुछ पल है निराशाओं भरे,
कुछ आशा किरण छुपाये हुए,
कुछ अन्धकार से ढके हुए,
कुछ दीप - लौ समाये हुए,
राहों में कभी शूल हैं,
कभी कालीन-ऐ-गुलाब हैं,
मेरी जिंदगी एक किताब है,

कभी ये एक दुःस्वपन है 
कभी एक हसी सा ख़्वाब है. 

No comments: