Wednesday, August 22, 2007

यादें

यादों का क्या है...
जब चाहे तब चली आती हैं,
हम तो इन्हें कभी नही बुलाते,
पर क्या करें…

जब भी तनहा होता हूँ,
आकर हमे गले से लगा लेती हैं,
आप तो सोहबत में आये ना कभी,
इन यादों का ही तो सहारा है,
यादों का ही तो भरोसा है,
और ये यादें...
खूबसूरत यादें...
प्यारी यादें...

छू कर करीब से,
अहसास दिलाती हैं,
कुछ उन उनकाही,
उँची बातों की,
जो की कहीँ है भीतर,
इस दिल की गहराइयों में...

छुपी हुई है,
दबी हुई है,
यादें…
प्यारी यादें...
उसकी यादें...

यही तो है हमारी धरोहर
और तो कुछ बचा नही,
एक यही तो है सहारा,
इन यादों का...
मेरी यादें...

हमेशा मेरे साथ,
मेरे पास,
उन अहसासों को जिंदा करती हुई,
उन हसीं पलों को जीवन देती हुई,
याद्दें है
ये ऐसे यादें...

कभी ना होंगी दूर हमसे,
ये यादें।

No comments: