Tuesday, August 16, 2016

"काश फिर मिलने की वजह मिल जाए!
"साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए!
"चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें!
"क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए!


"क्यूँ  मुश्किलों में  साथ  देते  हैं  "दोस्त"
"क्यूँ  गम  को  बाँट लेते  हैं "दोस्त"
"न  रिश्ता  खून  का  न  रिवाज  से  बंधा  है!
"फिर  भी  ज़िन्दगी  भर का साथ  देते  हैं  "दोस्त"।

Happy Friendship Day...

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